सिद्धार्थ उपनिषद Shiddharth Upnishad
सिद्धार्थ उपनिषद
भूमिका
उपनिषदों के बारे मेंहमने सुना था, कि उपनिषद जीवित सदगुरु और शिष्यों के सन्वाद से जन्में हैं। हमारी ओशोधारा में ऐसे ही एक अद्भुत उपनिषद का जन्म हो रहा है, जिसका नाम है -" सिद्धार्थ उपनिषद "।
और हम सभी मित्र सौभाग्यशाली है,
कि हम सब इस महान घटना के साक्षी बन रहे हैं। प्यारे ओशो में विशेष प्रतिभा थी, कि वे किसी भी रहस्य पर अनवरत बोलते थे,जिससे पूरा ग्रन्थ तैयार हो जाता था। उसी तरह बड़े गुरु जी में विशेष प्रतिभा है, कि वे बड़े से बड़े रहस्य को सरल सूत्रों में प्रकट कर देते हैं।
" सिद्धार्थ उपनिषद " के ये अनमोल सूत्र साधकों -खोजियो के लिये आकाशदीप की तरह उनका सतत दिशानिर्देश करतें रहेंगे। ओशोधारा नानक धाम मुरथल में सोमवार एवं गुरुवार को दर्शन दरबार में ' सदगुरु और शिष्यों के बीच प्रेममन्थन से सतत स्वर्णिम सूत्रों का जन्म हो रहा है , हम निरन्तर उन सूत्रों को पिरोते रहेंगे।
आशा करते हैं, कि " सिद्धार्थ उपनिषद " के यह स्वर्णिम सूत्र आपके जीवन को " सत् - चित् - आनन्द " और " सत्यम् - शिवम् - सुन्दरम् की आनन्दमय यात्रा पर ले जाएंगे।
जय ओशो •••