• Recent

    ब्रह्म और उसका नियम


    ब्रह्म और उसका नियम

    "हुकमी हुकूम चलाये राह, नानक बिगसे बेपरवाह"


    गुरुनानक देव जी कहते है--हुकुमी का हुकुम संसार को चलाता है. हुकमी अर्थार्थ परमात्मा, हुकुम अर्थार्थ संसार को चलाने का उसका नियम या सिद्धांत. ओमकार के सुमिरण के द्वारा हुकमी{परमात्मा} को जाना जा सकता है. ध्यान रहे परमात्मा {हुकमी} को जान'नेय से हमारा संसार सुंदर नहीं हो सकता.स्मरण रहे यह संसार परमात्मा नहीं चलता. परमात्मा का हुकुम {Param नियम ,सिद्धांत, मय,तो} संसार को चलाता है

    हुकुम को जान लो तो तुम "जोरबा" हो जाते हो.तुम्हारा संसार सुन्दर हो जाता है. हुकमी को जान लो तो तुम "बुद्धा" हो जाते हो.समस्त अस्तित्व के साथ लयबद्ध हो जाते हो. सिद्दांतों,नियम,माया के साथ हमेशा उनके स्वाभाविक परिणाम जुड़े होते हैं, जब हम इन सिद्धान्तों के सामंजस्य में जीते है,तो मिलने वाले परिणाम सकारात्मक होते है'न. जब हम इनके विपरीत जीते है तो नकारात्मक परिणाम-दुःख,पीड़ा के रूप में आतें है

    यह सिद्धांत हर एक पर लागू होते है, चाहे वह इसके बारे में जागरूक हो या न हो ,इसलिए परिणाम की यह सीमा शास्वत है,हम सही सिद्धांतों को जितना जान लेंगे, तथा अपने जीवन में जितना हम उनके साथ एक'लय होकर जियेंगे, उतना हमारा संसार सुन्दर हो जायेगा

    हुकमी {परमात्मा} को जानने का एक ही तरीका है,पूरे सद्गुरु {कामिल मुर्शिद} जी से जुड़ जाओ, उनसे "ओमकार" का भेद लेकर,उसके सुमिरण में जियो , प्यारे मित्रो परमात्मा को जानना और उसके नियम को जान कर संसार को सुंदर बनाना, है न कितना आसान !!!

    हुकमी और उसके हुकुम की लयबद्धता में जीना ही "जोरबा द बुद्धा" है, हमारे "परम सद्गुरु प्यारे ओशो" और "प्यारे सद्गुरु त्रिविर" चाहते हैं की आप सब इसको जानें और जिए'न ओशोधारा" में "प्यारे सद्गुरु त्रिविर" के द्वारा वैज्ञानिक ढंग से मनुष्य को "जोरबा थे बुद्धा" बनाने का सुन्दर प्रयोग चल रहा है

    एक बार वहां जाकर जरूर देखें,क्यों'कि ऐसा अवसर चूकने का नहीं है.  िस्मरण रहे -- "रही ही नहीं चलते, रास्ते भी चलते है".